Zindagi ki sachchayi by Hearted poetry || best Gulzar shayari || gulzar poetry || hindi shayari

 Zindagi ki sachchayi by Hearted poetry || best Gulzar shayari || gulzar poetry || hindi shayari

Zindagi ki sachchayi by Hearted poetry,Gulzar shayari,hindi shayari

बिल्‍कुल नहीं बनती मेरी इन हालातों से, ये अक्‍सर गरीबी में ही करती है

अरे कुछ नहीं वो थोडी सी गलतफहमी हो गयी थी, कि हम जरूरी हैं आपकी जिंदगी में

जब भी मरूंगा मैं हंसते हुए मरूंगा, ऐसे भी जीते जी रोया बहूत हूं मैं

कहते हैं आदतें 45 दिनों में छुट जाती है, मतलब यकीनन अपनी तो मोहब्‍बत ही थी

शादी तो सबकी हो जाएगी, पर माेहब्‍बत बहुतों की अधुरी रह जाएगी

नहीं मांगता मैं ऐ खुदा कि जिंदगी सौ साल की दे, दे भले चंद लम्‍हों की मगर कमाल की दे

गुस्‍से में भी बात करने के अंदाज नहीं बदलतेए कुछ लोग तन्‍हा जी लेते हैं मगर यार नहीं बदलते

इंसान को अपनी औकात उस वक्‍त पता चलती है, जब उसे ठोकर वहां से लगती है जहां उसे सबसे ज्‍यादा भरोसा होता है

भुलना भुलाना तो दिमाग का काम है, बेफिक्र रहिए जनाब आप दिल में रहते हैं


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हमारा हाल तुम भी पूछते हो, हमारा हाल तुम भी पूछते हो, तुम्हें मालूम होना चाहिए था

तुम खुश किस्मत होजो हम तुमको चाहते हैं, वरना हम तो वह हैं जिनके ख्वाबों में भी लोग इजाजत लेकर आते हैं

मीठे फलों का मत पूछो,

वह रात-दिन चाकुओं में रहते हैं

वो ना समझते जरा भी तो भी बेहतर होता,

मगर उन्होंने तो हम को पूरा गलत ही समझ लिया

बेबसी नहीं दीवाने हैं,

तुमसे बटन खुलवाने नहीं लगवाने हैं

आखिर इस मर्ज की दवा क्या है,

हमें उनसे है वफ़ा की उम्मीद है जो नहीं जानते वफ़ा क्या है

हैरान क्या होना अब उसके छोड़ जाने पर,

वह इसका इशारा कई दिनों से दे रहा था

खुद मान जाता हूं मैं अक्सर रूठ कर,

जानता हूं मुझे मनाने की इच्छा मां-बाप के अलावा कोई नहीं रखता


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लाजमी है अकड भी इंसानों की साहब, पैसों से भरा बटुआ भी तो फुल जाया करता है

हर लडकी बेवफा नहीं होती, बेटी होनेे का फर्ज भी निभाना पडता है 

जिस्‍मों की चाहतों को कोई फर्क नहीं पडता, रोता वहीं है जिसने रूह से इबादत की हो

हम लाेग जिंदगी बनाने के चक्‍कर में, जिंदगी जीना ही भूल गए हैं 

मैं रोज रात को यही सोचकर तो सोता हूं, कि कल से वक्‍त निकालुंगा जिंदगी के लिए

मंजिल को खबर भी नहीं, कि सफर क्‍या-क्‍या छिन रही है हमसे

किसने कहा मैं टूटकर बिखर जाउंगा, कुछ लोग टूटकर पत्‍थर भी बन जाते हैं

हम उसे जीत भी जाते तो क्‍या जीतते, वो हर किसी पर दिल हार बैठा था

वो एक सबक था जिंदगी का, और मुझे लगा मोहब्‍बत है

एक मर्द उस औरत की कभी इज्‍जत नहीं करता, जो हमेशा उसकी हर बात आसानी से मान जाती हो




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